ट्रेड मैनेजमेंट:- स्टॉक कब, कहाँ , कितना ले और बेचे।

दोस्तों वैसे तो किसी स्टॉक को खरीदना और बेचना बहुत ही आसान होता है पर उस स्टॉक को अपने पास लम्बे समय तक रखना और मैनेज करते रहना बहुत ही मुश्किल काम होता है, ट्रेडिंग के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है वो है ट्रेड को मैनेज करना तो आइये समझते है ट्रेड या स्टॉक को लेने के बाद उसे कबतक रखे, कितना रखे और कब बेचे अर्थात ट्रेड मैनेजमेंट कैसे करे। 

दोस्तों ट्रेड मैनेजमेंट के लिए जो पहला सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है वो है ट्रेड का चुनाव करना, ट्रेड के चुनाव के लिए आपको फंडामेंटल या टेक्निकल समझ होनी चाहिए, हलाकि मै ट्रेड के चुनाव के लिए जिस टूल्स का इस्तेमाल करता हूँ वो है टेक्निकल एनालिसिस इसलिए मै यहाँ टेक्निकल के ऊपर ही बात करूँगा। 

तो मै जिस तरह के टेक्निकल स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल स्टॉक का चुनाव करने के लिए करता हूँ वो है "महंगा खरीदो और महंगा बेचो" जिसके बारे में मैं पिछले ब्लॉग में बात कर चूका हूँ, आपसे गुजारिश है कृपया मेरे पिछले ब्लॉग को भी पढ़े। पिछले ब्लॉग के लिए क्लिक करे। 

अब आप समझ गए होंगे की मै किस तरह से स्टॉक को चुनता हूँ। (आप अन्य तरीके से भी स्टॉक चुन सकते है, जरुरी नहीं की आप मेरे ही तरीके का इस्तेमाल करो।) अब जैसे ही आप स्टॉक लेने जा रहे है तो आप शुरुआत में पहले कम पैसा निवेश करे, जैसे कि अगर आपको 100 शेयर या 100 रुपया का स्टॉक लेना हो तो आप पहले 25 रुपया का स्टॉक ही ले बाकी का पैसा अपने पास रखे और एक ऐसे क्षेत्र का स्टॉप लोस्स चुने जिसके कटने की सम्भावनाये काफी कम हो फिर उसे चलने दे। अगर वो स्टॉक आपके स्टॉप लोस्स को काटे तो फिर उससे बाहर निकल जाए और अगर वो ऊपर की और चल पड़ी हो तो उसे चलने दे और नए करेक्शन के इंतजार करे। 

                  

अब जैसे ही वो स्टॉक एक अच्छी जगह पर करेक्शन के बाद निकलती है तो उसमे बाकि का और 25 रुपया जोड़ दे और एक नया स्टॉप लोस्स लगा दे, जिससे की अब आपके पुरे 50 रुपया लग जाएंगे। अब आपके पैसे जोड़ने के बाद दो स्थितियां उत्पन्न होगी।  

   

स्थिति 1 :- किसी वजह से वो स्टॉक आपके उलटी दिशा में जाती है अर्थात आपके नए स्टॉप लोस्स को काटती है तो इसमें अपने पुरे स्टॉक में से 30 रुपया को बाहर कर दे और फिर उसे देखते रहे, अगर वो फिर किसी वजह से और भी निचे जाती है तो फिर बाकी का पुरे पैसे को बाहर निकाल ले। ऐसा होने के बावजूद भी आप फायदे में ही रहेंगे। 



 

स्थिति 2 :- अगर वो आपके दिशा में जाती है तो उसे जाने दे और नए करेक्शन का इंतजार करे और नए करेक्शन के बाद फिर 25 रुपया जोड़े और अगर फिर करेक्शन करके ऊपर जाए तो उसमे धीरे-धीरे और पैसे जोड़ते जाए। ध्यान रखे कभी भी अपनी क्षमताओं से अधिक किसी भी एक स्टॉक में पैसा नहीं लगाना है, आप हमेशा उतना ही लगाए जितना कि आप संभाल पाए, यूँ कहे तो अपने पुरे पोर्टफ़ोलियो का केवल 5% हिस्सा ही किसी एक स्टॉक में निवेश करे। और अगर भविष्य में वो स्टॉक किसी भी वजह से अपने पिछले लो, स्टॉप लोस्स या फिर ऐसा क्षेत्र जिसे उस स्टॉक को नहीं काटना चाहिए था, अगर वो काट दे तो आप उस स्टॉक से धीरे-धीरे बाहर निकलते जाए अर्थात प्रॉफिट बुकिंग करना शुरू करे। 


                           

दोस्तों उम्मीद है आपको मेरा ये प्रयास अच्छा लगा होगा, अगर आपको अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करे और हमारे ब्लॉग को फॉलो करे ताकि आपको हमेशा मेरे ब्लॉग का अपडेट मिलते रहे। दोस्तों स्टॉक मार्केट में ट्रेड मैनेजमेंट बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है और इसे समझना और इस पर काम करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है अर्थात इसमें आपको अपनी पूरी जान झोकनी होगी तब जाके ये आपके पल्ले पड़ेगी और अगर ये एकबार अच्छे से आपके अंतरात्मा में समां जाती है तो फिर आपको इस मार्केट में पैसा कमाने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती। इसलिए इस ब्लॉग को तबतक पढ़े जबतक की आपको ये समझ में न आ जाए और चार्ट पर जाके इसकी पूरी प्रैक्टिस करे।  धन्यवाद 

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